Sunday, February 12, 2012

SIP एक धीमा ज़हर है

शेयर बाजार की बजाए म्युचुअल फंड में निवेश करके अगर आप अपने धन को सुरक्षित समझ रहे हैं तो आप गलत हैं। पिछले एक साल में सभी म्युचुअल फंडों की साठ प्रतिशत से ज्यादा स्कीमें ऐसी हैं जिनमें निवेशकों का लगाया गया पैसा स्वाहा हो गया है। इन स्कीमों का मुनाफा एक साल में घाटे में बदल गया है। जिन स्कीमों में लोगों को मुनाफा हुआ भी है, उनमें भी ज्यादातर का मुनाफा औसत से कम रहा है। म्युचुअल फंड पर नजर रखने वाली संस्था वैल्यू रिसर्च के मुताबिक करीब 47 में से 37 स्कीमों के निवेशकों को बीते एक साल में घाटा हुआ है। जबकि माना जाता है कि म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रहता है।और इसी सुरक्षा के लिए तो निवेशक फंड मेनेजर की सेवा लेता है.
ध्यान रखें आजकल म्युचुअल फंड कंपनियां सिस्टमएटिक इन्वेस्टमेंट प्लान SIP के नाम से निवेशकों को ठग रही है.निवेशकों को किसी बड़े होटल में अवेरनेस प्रोग्राम के नाम से बुलाया जाता है और वहाँ गरिष्ठ स्वल्पाहार या भोजन कराकर उन्हें इन योजनाओ में फंसा लिया जाता है.SIP के माध्यम से कंपनियों के पास तो प्रतिमाह एक बड़ी राशि एकत्रित होकर आ जाती है जिससे कंपनी के अत्याधुनिक वातानुकूलित कार्यालयों का संचालन होता रहता है और फंड मेनेजर की मोटी तनख्वाह निकलती रहती है किन्तु निवेशकों को बाजार में आई तेजी का लाभ पूरी तरह नहीं मिलता तकाजा करने पर एजेंट निवेशकों को दीर्घकालीन नजरिया रखने की बात कहकर योजना में अटकाए रखते है.मेरी स्वयं की कुछ SIP में मै लगभग 40 किश्ते भर चुका हू {आवश्यकता होने पर मै योजना का विवरण उपलब्ध करा सकता हू } और आज इनका वर्तमान मूल्य भरी हुई राशि से भी कम है चालीस किश्ते मतलब तीन वर्ष से भी अधिक समय में अगर योजना में मुनाफा नहीं दिख रहा है तो फिर कैसे आश्वस्त हुआ जाय की सौ किश्ते भरने के बाद मुनाफा होगा.शासकीय बांड,भविष्य निधि PF,लोकभविष्य निधि PPF.राष्ट्रीय बचत पत्र NSC ही निवेश का बेहतर विकल्प हैSIP एक धीमा ज़हर है सावधान रहें.